ज्योतिषाचार्य एस. एस. नागपाल
लखनऊ. भाईदूज का पर्व कार्तिक मास में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. इस साल भाई दूज का त्योहार 03 नवंबर को मनाया जाएगा और इसी पर्व के साथ पंच दिवसीय दीपोत्सव का समापन भी हो जाएगा. इस साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि 02 नवंबर को रात्रि 08:21 से प्रारंभ हो रही है. इस तिथि का समापन 03 नवंबर रात्रि 10:05 पर होगा. उदयातिथि के आधार पर भाईदूज 03 नवंबर को होगा.
रक्षाबंधन की तरह से यह त्योहार भी भाई-बहन के लिए बेहद खास होता है. ये दिन भाई बहन के लिए सबसे ज्यादा खास होता, क्योंकि इस दिन बहनें अपने भाइयों को अपने घर भोजन के लिए बुलाती हैं और उन्हें प्यार से खाना खिलाती हैं. भैया दूज पर बहनें भाईयों के माथे पर तिलक लगाती हैं, उनकी सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना करती हैं. इस दिन यमुना में डुबकी लगाने की परंपरा है. यमुना में स्नान करने का बड़ा ही महत्व इस दिन बताया गया है. भाईदूज- यम द्वितीया को यमुना नदी या यमुना का स्मरण कर स्नान करना चाहिए और दोपहर में बहन से तिलक कराके उसे उपहार प्रदान करें. कायस्थ समाज के लोग यमद्वितीया के दिन अपने कुल प्रमुख चित्रगुप्त जी का पूजन करते हैं. भाई दूज के टीका का शुभ मुर्हूत दिन 12ः56 से अपराह्न 03ः09 तक करना श्रेष्ठ है.