मुंबई। भारत में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) को अनिवार्य किए हुए 10 वर्ष पूरे हो चुके हैं, जो समाज को वापस देने के लिए कॉर्पोरेट जगत की प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। पिछले एक दशक में, सीएसआर कॉर्पोरेट कॉर्पोरेट स्ट्रेटेजी और कार्यप्रणाली का एक अभिन्न अंग बन गया है, जो पूरे देश में सामाजिक परिवर्तन और विकास को बढ़ावा देने के लिए काम करता है।
हाल ही में राजभवन में एक प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह, ‘भारतीय सीएसआर एक दशक समारोह’ का आयोजन किया गया। इस दौरान, महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस मुख्य अतिथि और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी सम्मानित अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस भव्य कार्यक्रम के अंतर्गत उन कंपनियों को सम्मानित किया गया, जो समाज में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
डॉ. हुजैफा खोराकीवाला ने कहा, , भारतीय सीएसआर एक दशक समारोह परिषद के अध्यक्ष ने कहा, “ये पुरस्कार उन लोगों और कंपनियों को सम्मानित करते हैं, जिन्होंने पिछले एक दशक में सीएसआर में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। ये पुरस्कार उनकी कड़ी मेहनत और निःस्वार्थ मेहनत का प्रतिफल है।”
राजभवन में एक प्रतिष्ठित पुरस्कार समारोह रमेश बैस राज्यपाल महाराष्ट्र ने कहा, : आज उपस्थित सार्वजनिक उद्यम तथा कॉर्पोरेट्स में से भी कई लोग पहले से ही विभिन्न CSR गतिविधियों में लगे हुए होंगे। मैं यह भी जानता हूं कि कई संगठन CSR पर अनिवार्य 2 प्रतिशत खर्च से कहीं अधिक खर्च कर रहे हैं। ऐसी कंपनियां भी हैं, जो अच्छा मुनाफा ना होने के बावजूद अपनी कमाई का हिस्सा सामाजिक कार्यों में लगा रही हैं।
जीवन को बदलने में सीएसआर के महत्व पर जोर देते हुए, श्री कैलाश सत्यार्थी ने कहा, “हर मुस्कान मायने रखती है। सीएसआर की परिभाषा सिर्फ दान तक ही सीमित नहीं है, यह किसी के साथ न्याय करने के बारे में है। यह प्रत्येक व्यक्ति की गरिमा और अधिकारों को पहचानने और एक ऐसी दुनिया का
सृजन करने पर आधारित है, जहाँ कोई भी बच्चा शिक्षा से और कोई भी परिवार स्वास्थ्य देखभाल से वंचित न रहे तथा कोई भी समुदाय पीछे न रहे।’
साथ ही, लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार विजेता डॉ. भास्कर चटर्जी और डॉ. नयन मित्रा द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारतीय सीएसआर के दस साल: अगले दस साल बेमिसाल’ का विमोचन भी किया
गया। यह पुस्तक भारत में सीएसआर की उल्लेखनीय यात्रा के प्रमाण के रूप में कार्य करती है और भविष्य के लिए एक रोडमैप प्रस्तुत करती है।
सामाजिक विकास पर केंद्रित इस समारोह में पुरस्कार प्राप्त करने और अपनी कंपनी की पहल का प्रतिनिधित्व करने के रूप में अजंता फार्मा, कोल इंडिया, गेल, गोदरेज, एचयूएल, आईटीसी, एलआईसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, नवनीत एजुकेशन, एनटीपीसी, पीएफसी, पेट्रोनेट एलएनजी और एसबीआई जैसी कंपनियों के शीर्ष अधिकारी उपस्थित रहे। माइंडक्यूब मल्टीसर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड की एमडी अर्पिता एस. राय ने कार्यक्रम के संचालन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उनका महत्वपूर्ण योगदान इसकी सफलता के लिए महत्वपूर्ण रहा है।
इस कार्यक्रम ने खुद को सामाजिक विकास के लिए एक सामाजिक सभा के रूप में स्थापित किया।साथ ही, इसने भारत में सीएसआर के सार को मजबूत किया और कॉर्पोरेट्स को समाज पर सकारात्मक प्रभाव पैदा करने के अपने मिशन को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित भी किया।