ज्योतिषाचार्य-एस.एस.नागपाल
लखनऊ। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत होता है। करवा चौथ के दिन को करक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है। इस साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 20 अक्तूबर रविवार को प्रात: 6:46 से हो रही है। यह तिथि अगले दिन 21 अक्तूबर को प्रात: 4 :1 6 तक रहेगी। ऐसे में चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी तिथि अनुसार करवा चौथ का व्रत 20 अक्तूबर रविवार को रखा जाएगा।
इस बार करवा चौथ पर गजकेसरी योग, बुधादित्य योग और शश योग रहेगा, उच्च का चन्द्रमा रोहणी नक्षत्र में शुभ संयोग बना रहा है। यह शुभ संयोग सुहागिनों के लिए शुभ फलदायी होगा। इस दिन सौभाग्यवती स्त्रियां पति के स्वास्थ, आयु एवं मंगल कामना के लिए व्रत करती है। यह व्रत सौभाग्य देता है। करवाचौथ व्रत में कई जगह सरगी का रिवाज है। सरगी सास बहुओं को देती है, जिसमें बादाम, मेवे, फल, मिठाई, होती है। इसे सूर्योदय से पहले खाना होता है। इसके बाद रात्रि तक चंद्रदेव को अर्घ्य देने तक निर्जला व्रत का पालन करना होता है। प्रातः काल स्त्रियां स्नान आदि करके आचमन करके सुख सौभाग्य का संकल्प करके व्रत करती है, विवाहित महिलाये मेहंदी, सिंदूर, मंगलसूत्र, चूड़ियां, बिंदी और बिछिया आदि श्रृंगार करवाचौथ पर करती है, नव विवाहित महिलाओं को करवा चौथ के दिन शादी का जोड़ा पहनने के साथ 16 श्रृंगार करना चाहिए एवं शिव, गौरी, गणेश पूजन एवं करवा चौथ की कथा सुनने का विधान है। स्त्रियाँ चन्द्रोदय के बाद चन्द्रमा के दर्शन पूजन कर अर्ध्य देकर जल और भोजन ग्रहण करती है पूजा के बाद सास का आर्शीवाद लेती है। इस दिन शाम 5:33 से 6:49 पूजा का शुभ मुहूर्त है। 20 अक्तूबर को लखनऊ में चंद्रोदय सांयकाल 07:54 बजे होगा।
करवा चौथ व्रत 20 अक्तूबर को
