ज्योतिषाचार्य-एस.एस.नागपाल
लखनऊ। महाअष्टमी, महानवमी, कन्या पूजन इस बार 11 अक्टूबर को। नवरात्रि की अष्टमी तिथि व नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करने का विधान है। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो चुकी है और समाप्ति 11 अक्टूबर को होगी। ऐसे में इस बार एक ही दिन महाअष्टमी और महानवमी की तिथि पड़ रही है।
इस दिन माता दुर्गा के आठवें रूप मां महा गौरी व नवमी के दिन सिद्धिदात्री की पूजा होगी । अष्टमी-नवमी तिथि के दोनों दिन कन्या पूजन करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि जो लोग अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन और हवन करते हैं उन्हें नवरात्रि व्रत का संपूर्ण फल की प्राप्ति हो जाता है।
काशी के ऋषिकेश एवं महावीर पंचांग के अनुसार, इस वर्ष अश्विन शुक्ल अष्टमी तिथि 10 अक्टूबर गुरुवार को सुबह 7:29 पर लगेगी और 11 अक्टूबर शुक्रवार को सुबह 6 :52 पर समाप्त हो जायेगी,. नवमी तिथि 11 अक्टूबर को प्रात: 6:52 से प्रारम्भ होगी और 12 अक्टूबर प्रात: 5:47 पर समाप्त होगी इस प्रकार नवमी तिथि का क्षय हो रहा है ( जब कोई तिथि सूर्योदय के बाद शुरू होकर अगले दिन सूर्योदय से पहले खत्म हो जाए, तो इसे तिथि क्षय कहते हैं ) ऐसे में दुर्गा महाअष्टमी और महा नवमी 11 अक्टूबर को होगी. महानवमी व्रत का पारणा 12 अक्टूबर को सुबह होगा।
इस बार कन्या पूजन के दिन 3 शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन सुकर्मा योग, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहे हैं। कन्या पूजन के समय सुकर्मा योग पूजा पाठ और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना जाता है इस दिन सुबह मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री का पूजन कर कन्याओं को कन्या पूजन करें।