डा. अखंड प्रताप सिंह
लखनऊ. आज मानसून सत्र के दूसरे दिन केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया. यह उनका लगातार सातवां बजट था. बजट के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह बजट समृद्धि की राह पर ले जाने वाला बजट है. उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आए हैं. यह बजट नए मध्यम वर्ग के सशक्तिकरण के लिए है. इस बजट से युवाओं को बहुत सारे अवसर मिलेंगे और शिक्षा तथा कौशल को नया पैमाना मिलेगा.
पीएम मोदी ने कहा कि यह बजट नए मिडिल क्लास को भी ताकत देगा और महिलाओं, छोटे कारोबारियों, एमएसएमई की मदद करेगा.
पीएम मोदी के साथ उनके सहयोगी मंत्रीगण भी इस बजट को एक ऐतिहासिक और दूरदर्शी बजट बता रहे हैं. हालांकि विपक्ष का मानना है कि ये केंद्रीय बजट कम बल्कि बिहार और आंध्र प्रदेश राज्य का बजट ज्यादा लग रहा है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा “अगर हम उत्तर प्रदेश को देखें तो निवेश की स्थिति क्या है? इनके जो प्रोजेक्ट चल रहे हैं वह कभी समय पर पूरे नहीं हुए. अच्छी बात है कि बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष योजनाओं से जोड़ा गया है लेकिन उत्तर प्रदेश जैसा राज्य जो प्रधानमंत्री देता है क्या वहां के किसानों के लिए बजट में कुछ है?” उन्होंने कहा “जब तक किसान और नौजवानों की पक्की नौकरी का इंतजाम नहीं होगा तब तक जनता को कोई बड़ा लाभ नहीं पहुंचेगा.”
बजट पर शिवसेना उद्धव ठाकरे ग्रुप की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा “मुझे लगता है कि इस बजट को ‘प्रधानमंत्री सरकार बचाओ योजना’ कहा जाना चाहिए क्योंकि उन्हें एहसास हो गया है कि अगर वे अगले 5 वर्षों के लिए इस सरकार को बचाना चाहते हैं तो उन्हें अपने गठबंधन सहयोगियों की खुशी की आवश्यकता होगी. बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने से इनकार करने के बाद, उन्होंने उन्हें धन दिया है. महाराष्ट्र को केंद्र द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है. यह एक ऐसा राज्य बन गया है जहां से आप लगातार पैसे लेते रहते हैं.”
वहीं केंद्रीय बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट कमल जैन ने कहा कि इस बजट को देख कर पॉजिटिव फील आता है. वैसे मिला कुछ नहीं है पर पढ़ने में अच्छा लग रहा है. फिर भी ये बजट पिछले बजट से अच्छा है. इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट 25 हजार बढ़ा दी गई है जिसका फायदा मध्यम वर्ग को मिलेगा. बजट से सरकार के एप्रोच में भी सकारात्मक बदलाव दिख रहा है. इससे देश में बिजनेस बढ़ेगा विशेष रूप से बिहार और आंध्र प्रदेश में.