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News Now > धर्म > हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2082 का शुभारम्भ 30 मार्च से
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हिन्दू नववर्ष विक्रम संवत 2082 का शुभारम्भ 30 मार्च से

News Now
Last updated: मार्च 27, 2025 3:20 अपराह्न
News Now 7 महीना पहले
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ज्योतिषाचार्य एस. एस. नागपाल


लखनऊ। हिन्दू नववर्ष का आरंभ चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 30 मार्च, 2025 से कालयुक्त नामक नव संवत्सर विक्रम संवत 2082 का शुभारम्भ होगा मान्यता है कि इस तिथि को भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना शुरू की थी। माना जाता है कि देवी शक्ति की पूजा की शुरुआत इसी दिन हुआ थी। जिस दिन से हिन्दू नववर्ष शुरू होता है उस दिन के स्वामी को राजा माना जाता है। नववर्ष संवत्सर 2082 के राजा सूर्य हैं. मेष संक्रांति 13 अप्रैल, रविवार को है नववर्ष के मंत्री भी सूर्य है इस साल सूर्य 22 जून रविवार को आद्रा नक्षत्र में प्रवेश कर रहे हैं उस समय जो कुंडली बनेगी उसे आद्रा प्रवेश कुंडली कहा जाता है।
संवत् 2082 की ग्रहपरिषद् में राजा का पद सूर्य को प्राप्त हुआ है। राजा के अलावा सूर्य मन्त्री और मेघेश भी है। बुध सस्येश और नीरसेश, चन्द्रमा धान्येश, शुक्र रसेश, शनि फलेश और दुर्गेश तथा मंगल धनेश के पद पर रहेंगे।
धन और खनिज तथा धातु के स्वामी बुध रहेंगे. इस वर्ष मंगल खाद्य पदार्थों के स्वामी होंगे, और दुर्गेश सूर्य के निकट रहेंगे. वर्षा के स्वामी भी सूर्य होंगे, फलेश शनि रहेंगे, और रोहिणी का निवास समुद्र में होगा। इस संवत्सर में अच्छी वर्षा की संभावना है नए संवत्सर 2082 की शुरुआत के दिन ग्रहों का एक शुभ संयोग उत्पन्न हो रहा है. इस दिन रेवती नक्षत्र संध्या 6:14 बजे तक विद्यमान रहेगा। इसके बाद अश्वनी नक्षत्र का आरंभ होगा। मीन लग्न सुबह 06:36 बजे तक रहेगा, इसके पश्चात मेष लग्न का आरंभ होगा। सूर्य, बुध, राहु, शनि और शुक्र सभी एक साथ मीन राशि में संचरण करेंगे, जबकि केतु कन्या राशि में स्थित रहेंगे। देवगुरु बृहस्पति वृषभ राशि में और मंगल मिथुन राशि में रहेंगे। संवत्सर का राजा सूर्य होने से सूर्य की शक्ति का प्रभाव विभिन्न क्षेत्र में दिखाई देगा। प्राकृतिक परिवर्तन होने से कहीं-कहीं खंडवृष्टि होगी कुछ स्थानों पर चतुष्पद पशुओं को पीड़ा की स्थिति और कहीं प्रजा को रोग आदि का कष्ट हो सकता है। वहीं धान्य का उत्पादन मध्यम से श्रेष्ठ होगा। शासन प्रमुखों के लिए यह समय चिंतनीय रहेगा, विश्व राजनीति में कूटनीति स्पष्ट रूप से दिखाई देगी। सूर्य के प्रभाव के कारण राजसिक प्रवृत्तियां अधिक बढ़ेंगी शासन और प्रशासन में आपसी टकराव बढ़ेगा। प्राकृतिक आपदाओं से अग्निकांड, भूकम्प, बाढ़, साम्प्रदायिक, हिंसक और जातीय उपद्रव हो सकते हैं l भूसंख्लन, बाढ़ से जन धन की हानि हो सकती है, भीषण गर्मी पड़ेगी, अग्निकांड भी ज्यादा हो सकते हैं केंद्र और राज्य सरकारों के मध्य भी टकराव हो सकते है जो जातक अनुशासन में रहेंगे, उन्हें सफलता मिलेगी , साइबर अपराध कहीं-कहीं चुनौतियों का विषय बनेगा। प्रशासनिक क्षमता के बढ़ने से परिस्थिति में सुधार भी होगा। सस्येश बुध का फल: अच्छी बारिश, धान्येश चंद्र का फल: जनता को सुख शांति,शुक्र का फल: लोगों की आस्था धर्म, अध्यात्म, संस्कृति के प्रति वैचारिक परिवर्तन होंगे। तीर्थ मंदिरों की ओर लोगों का रूझान बढ़ेगा। बुध का फल: वन औषधि की मिलेगी अच्छी कीमत, गुरु का फल: खंडवृष्टि और अच्छी फसल, मंगल का फल: शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव, शनि का फल: उन्मादी राष्ट्रों में अस्थिरता, आंतरिक गृह युद्ध की स्थिति दिखाई देगी। भारत का पश्चिमी देशो से आयात निर्यात बढ़ेगा, भारत की आर्थिक स्थिति अच्छी होगी, भारत की पडोसी देशो से सीमा विवाद की घटनाये हो सकती है, सोना, चांदी, ताम्बा, लोहे के भाव बढ़ेंगे
इजराइल और ईरान युद्ध भड़केगा ,प्राकृतिक आपदाये आएँगी, दुनिया में करंसी वार शुरू हो सकता है, यूरोप में आर्थिक मंदी आ सकती है
इस वर्ष सूर्य का प्रभाव अधिक रहेगा यदि कुंडली में सूर्य पीड़ित है तो सूर्य के उपाय करने चाहिए सूर्य देव को जल अर्पित करें, सूर्य मन्त्र जपे । गुड़ गेहू का दान कर सकते हैं। इस दिन नये वर्ष के पचांग का पूजन कर वर्षफल सुना जाता है। निवास स्थानों पर ध्वाजा और बन्दनवार लगाते है। महाराष्ट्र में गुडी पड़वा पर घर-घर में ध्वाजायें फैरायी जाती है। इस दिन नीम के नये कोमल पत्तों, जीरा, काली मिर्च, हींग, नमक को पीसकर खाने से वर्ष भर अरोग्यता रहती है।

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